चैतमा। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई चैतमा युवा खेल मंत्रालय भारत सरकार, शासन प्रशासन ,समन्वयक डॉ मनोज सिन्हा ,टी पी उपाध्याय जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा,जिला संगठक प्रो वाय के तिवारी,एस .साहू सर विकास खंड अधिकारी पाली ,प्राचार्य संरक्षक चंद्राणी सोम के निर्देश पर वीरेंद्र कुमार बंजारे कार्यक्रम अधिकारी के मार्गदर्शन सुरेन्द्र सिंह नेटी, विंध्यराज, धनराज सिंह, प्रज्ञा दास, नबीउल्ला सिद्दिकी, मुरारीलाल धीवर, आशीष उपाध्याय, निष्ठा जायसवाल, शालनी ,शेष नारायण शर्मा,देवानंद वर्मा शिक्षकों कर्मचारियों के सहयोग से राष्ट्रीय सेवा योजना स्वंय सेवक,विद्यार्थियों ने 201 रक्षा सूत्र राखी स्वंय अपने हाथों से तैयार कर देश के सैनिकों के लिए भेजा गया। स्वंय सेवक विद्यार्थियों ने संदेश में लिखा वीर सैनिकों के सम्मान के लिए रक्षा बंधन का त्यौहार भाई-बहन के प्रेम, विश्वास और स्नेह का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बाँधकर उनकी लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना करती हैं। लेकिन जब देश की सुरक्षा में तैनात हमारे वीर जवानों की कलाई खाली रह जाती है, तब देश की बेटियाँ आगे आकर उन्हें राखी भेजती हैं। यह न केवल एक भावनात्मक संबंध को दर्शाता है, बल्कि देशभक्ति की भावना को भी प्रकट करता है।रक्षा सूत्र का महत्व राखी केवल एक धागा नहीं होती, यह प्रेम, विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक है। जब किसी सैनिक को दूर किसी अनजान बहन की राखी मिलती है, तो उसे यह एहसास होता है कि पूरा देश उसके साथ खड़ा है। यह उसके मनोबल को बढ़ाता है और उसे यह भाव देता है कि उसके पीछे पूरा देश और एक बहन की दुआएँ हैं। वीरेंद्र कुमार बंजारे कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि बालिकाओं की भूमिका देश की नन्हीं बालिकाएँ, विद्यालयों और सामाजिक संगठनों के माध्यम से सैनिकों के लिए राखियाँ तैयार करती हैं। वे उसमें प्रेम, आशीर्वाद और देशभक्ति के रंग भरती हैं। कुछ पत्र भी साथ भेजती हैं, जिनमें वे अपने वीर भाइयों के लिए शुभकामनाएँ, धन्यवाद और आभार व्यक्त करती हैं। यह परंपरा न केवल सांस्कृतिक मूल्यों को सुदृढ़ करती है, बल्कि देश के भविष्य को भी सजग और संवेदनशील बनाती है।सैनिकों की भावना जब सैनिकों को राखी मिलती है, तो उनकी आँखें नम हो जाती हैं, पर दिल गर्व से भर जाता है। ये राखियाँ उन्हें भावनात्मक रूप से सशक्त बनाती हैं और उन्हें यह यकीन दिलाती हैं कि वे अकेले नहीं हैं – उनके पीछे पूरा देश है, बहनें हैं, और उनके लिए दुआएँ हैं। रक्षा बंधन के अवसर पर सैनिकों को राखी भेजना केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति सम्मान और प्रेम का अनमोल भाव है। यह संदेश देता है कि देश की हर बेटी अपने सैनिक भाई के साथ है। आइए, इस रक्षा बंधन पर हम भी देश के जवानों को एक राखी भेजकर यह कहें – “आप हैं, तभी हम हैं। जय हिंद।




