भेड़ी कोना पुल पर लगे बेरीकेट्स
सक्ती जिले के जैज़ैपुर विधानसभा में आने वाले हसौद और गुजियाबोर के बीच बोरई नदी में बने पुल के उपर पानी पूरे वेग से बह रहा है और आसपास के बच्चे डूब चूके पुल के करीब नहा रहे और युवा वहां बाइक धो रहे हैं जबकि हसौद के अंतिम छोर में बने भेड़ी कोना पुल में भी पानी पुल के उपर से बह रहा है लेकिन वहां हसौद पुलिस के द्वारा खतरे को देखते हुए बेरीकेट्स लगाकर खतरे की चेतावनी सूचक बोर्ड भी लगा दिया गया है । विदित हो कि लगातार तेज बारिश से छोटे छोटे नदी नाले पूरे उफान पर है और गुजियाबोर और हसौद को जोड़ने वर्षों पूर्व छोटा सा पुल बनाया गया है जो हर बरसात में डूब जाता है और हसौद गुजियाबोर से जैजैपुर तक कट जाता था लेकिन कुछ वर्ष पूर्व पिसौद और हसौद के बीच एक नया पुल बनाया गया है जिसके कारण अब गुजिया बोर में बना पुल डूब भी जाये तो जैजैपुर जाने में बाधा नहीं होती है लेकिन गुजिया बोर पर बना पुल डूब जाने और बाढ़ की स्थिति बच्चों और बड़ों के लिए कौतूहल का विषय हो गया है और बच्चे खतरे की परवाह किए बिना नहा रहे है बरसात में जब सभी नदी नाले उफान में है ऐसे में प्रशासन दूर्घटना के पूर्व ही सजग रहना चाहिए लेकिन भारतीय तंत्र में दूर्घटना के बाद सावधानी बरतने की रीत पुरानी है ।
भेड़ी कोना पुल पर चार पहिया वाहनों की लंबी कतार
विदित हो कि डभरा में अडानी ग्रुप के लिए बड़े बड़े कैप्सूल और बड़े चार पहिया वाहनों में अन्य पावर प्लांटों और कंपनी के लिए विभिन्न सामान बिर्रा हसौद होते हुए डभरा और अन्य स्थानों में जाता है लेकिन आधी रात से ही पुल के उपर पानी बह रहा है इसलिए हसौद से लेकर भेडीकोना पुल तक लगभग दो किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई है और वाहन चालक इंतजार में हैं कि पानी के पानी का जलस्तर पुल से नीचे गिरने पर आगे की यात्रा करेंगे वही कुछ वाहन चालक अन्य मार्गों से निकल पड़े हैं । पानी का तेज बहाव देखकर लग रहा है कि पुल का जलस्तर दो दिन बाद ही कम हो पायेगा ।
सैकड़ों एकड़ खेत डूबे
तीन सौ एकड़ खेत जलमग्न
बताया जा रहा है कि हसौद में बोरई नदी का वेग ऐसा लग रहा है मानो नदी अपने पूरे यौवन में आकर बौरा गयी है और उसके इस यौवन ने अनेक किसानों को मदहोश कर दिया है। कहने का मतलब है कि बोरई नदी के आसपास के सैकड़ों एकड़ खेत में फसल लगी थी लेकिन इस बारिश ने खेतों को जलमग्न कर दिया है । किसानों ने बताया कि इस क्षेत्र के लगभग तीन सौ एकड़ खेत की फसल नष्ट हो गई है और किसान बर्बाद हो चुके हैं उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन इसका मुआवजा किसानों को देगा ।
गुजिया बोर और हसौद के बीच बने पुल के किनारे बेरीकेट्स लगाने और सचेतक बोर्ड लगाने निर्देश दिए गए हैं। मेरे द्वारा पूरे क्षेत्र में दौरा किया जा रहा है और आवश्यक सावधानी बरतने निर्देश दिया जा रहा है।
उन्होंने फसलों के बर्बाद होने पर कहा कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद फसल का आंकलन किया जाएगा और मुआवजा और बीमा का लाभ किसानों को दिया जाएगा।
अरुण सोनी
एसडीएम मालखरौदा




