बलरामपुर। राज्य शासन ने नक्सली हिंसा में शहीद हुए पुलिस कर्मियों के परिजनों के हित में एक ऐतिहासिक और मानवीय निर्णय लिया है। मंत्रिपरिषद ने “एकजाई पुनरीक्षित अनुकम्पा नियुक्ति निर्देश-2013” की कंडिका 13(3) में संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी है, जिसके तहत अब शहीदों के परिजनों को केवल पुलिस विभाग तक सीमित न रहकर, राज्य शासन के अन्य विभागों में भी अनुकम्पा नियुक्ति का विकल्प मिलेगा।
🗣️ उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने जताया संतोष
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “शहीद हमारे समाज की अमूल्य धरोहर हैं। उनकी अनुकम्पा नियुक्ति में विभाग चुनने का अधिकार देना एक न्यायसंगत और आवश्यक कदम था। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी के नेतृत्व में मंत्रिपरिषद द्वारा यह निर्णय पारित किया जाना सराहनीय है।”
उन्होंने बताया कि पूर्व में यह प्रावधान था कि दिवंगत शासकीय सेवक के परिजन को उसी विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति दी जाती थी, जिसमें वह कार्यरत था। अब संशोधन के बाद शहीद पुलिसकर्मियों के परिजन राज्य शासन के किसी भी विभाग, जिला अथवा संभाग में नियुक्ति के लिए पात्र होंगे।
📌 शहीद परिवारों की मांग हुई पूरी
उल्लेखनीय है कि उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा को लगातार शहीद परिवारों और उनके संगठनों से यह मांग प्राप्त हो रही थी कि उन्हें केवल पुलिस विभाग में ही नहीं, बल्कि अन्य विभागों में भी रोजगार का विकल्प दिया जाए। इस मांग को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने विषय को मंत्रिपरिषद में प्रस्तुत किया, जहाँ इसे सर्वसम्मति से पारित किया गया।
🔹 सम्मान और सुविधा दोनों की होगी सुनिश्चितता
इस निर्णय से न केवल शहीद परिवारों को सुविधाजनक और सम्मानजनक रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, बल्कि यह सरकार की संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व को भी दर्शाता है। अब शहीदों के परिजन अपनी योग्यता, इच्छा और पारिवारिक परिस्थिति के अनुरूप किसी भी विभाग में नियुक्ति का विकल्प चुन सकेंगे।
🙏 मुख्यमंत्री को धन्यवाद
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह निर्णय न केवल शहीदों के बलिदान का सम्मान है, बल्कि उनके परिजनों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक सशक्त पहल भी है।”




