रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 570 करोड़ रुपये के कोयला लेवी घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिलने के बाद पहली बार बुधवार को निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया सहित अन्य आरोपी एसीबी–ईओडब्ल्यू की विशेष अदालत में पेश हुए।
सुनवाई के दौरान आरोपियों ने विशेष न्यायाधीश को अवगत कराया कि वे सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार छत्तीसगढ़ से बाहर रह रहे हैं। रानू साहू ने बताया कि वे दिल्ली में अपने भाई के घर ठहरी हुई हैं, समीर विश्नोई कानपुर में रिश्तेदार के यहां और सौम्या चौरसिया बेंगलुरु में अपने भाई के साथ रह रही हैं। अदालत में उपस्थिति दर्ज कराने के बाद सभी ने आवश्यक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 23 जुलाई तय की है। गौरतलब है कि इस घोटाले के एक प्रमुख आरोपी सूर्यकांत तिवारी को अभी तक जमानत नहीं मिली है। वे विशेष कारणों से इस सुनवाई में उपस्थित नहीं हो सके। बताया जा रहा है कि आरोपियों पर ईओडब्ल्यू में दर्ज अन्य मामलों में भी आरोप हैं, जिसके चलते उन्हें नियमित रूप से अदालत में पेश होना पड़ रहा है। सभी आरोपियों के पासपोर्ट विशेष अदालतों में जमा हैं और उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे अगले आदेश तक छत्तीसगढ़ में निवास नहीं करेंगे। साथ ही, उन्हें जांच एजेंसियों और ट्रायल कोर्ट के समक्ष आवश्यकता अनुसार उपस्थित होने और पूरी तरह सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि कोयला लेवी घोटाले में नामजद रानू साहू, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत दी थी, जबकि सूर्यकांत तिवारी की जमानत याचिका अब भी लंबित है।




