खैरागढ़ । खैरागढ़ जिले से आई एक दुखद खबर है, जो स्वास्थ्य व्यवस्था के एक कठोर पहलू को सामने लाती है। छुईखदान के जंगलपुर स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर में कार्यरत महिला स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) आरती यादव ने कथित तौर पर विभागीय अधिकारियों की प्रताडऩा से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने 15 मई को दुर्ग जिले के धनोरा स्थित अपने आवास पर फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। छत्तीसगढ़ प्रदेश सामुदायिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ ने इस घटना के लिए विभागीय अधिकारियों को दोषी ठहराया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरती यादव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (आयुष्मान आरोग्य मंदिर) में संविदा पर (सीएचओ) के पद पर कार्यरत थीं। एक महीने पहले एक सड़क दुर्घटना में उनके पति का निधन हो गया था, जिससे उन्हें गहरा सदमा लगा था। अपने पति को खोने के बाद, उन्होंने छुट्टी के लिए आवेदन किया था, जिसे विभागीय अधिकारी ने अस्वीकार कर दिया। निजी समस्याओं के कारण आरती स्वास्थ्य केंद्र नहीं जा पा रही थीं। इस पर विभागीय अधिकारियों ने उनकी अनुपस्थिति की शिकायत शासन–प्रशासन से कर दी। इसके बाद, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीएमएचओ कार्यालय से उन्हें तत्काल ड्यूटी पर उपस्थित होने का पत्र जारी किया गया। काम पर अनुपस्थित रहने पर (सीएचओ) के वेतन में कटौती और उनकी गोपनीय चरित्रावली सीआर खराब करने की चेतावनी भी दी गई थी।




