अकलतरी/नागपंचमी के दिन जहां लोग सांपो की पूजा करते हैं वहीं अकलतरा क्षेत्र के पड़रिया से लगे सिद्ध मुनी आश्रम में आज के भारी मेला लगता है और लोग यहां मेला देखने के साथ युवा वर्ग दल्हा पहाड़ में चढ़ने भी आता है नागपंचमी में हर वर्ष यहां मेला लगता है और न केवल अकलतरा क्षेत्र से बल्कि रायपुर बिलासपुर कोरबा यू कहे के छत्तीसगढ़ के कोने-कोने से पर्यटन प्रेमी दलहा पहाड़ देखने आते हैं । दूर-दूर से आये पर्यटक नागपंचमी पर सिद्ध मुनी आश्रम के साथ अर्धनारीश्वर आश्रम देखने जाना पसंद करते हैं । यह भी विदित हो कि इस क्षेत्र में कीमती और दूर्लभ जड़ी बूटियों का भंडार है जो आज भी लोग बीमारी में इस्तेमाल करते हैं । बताया जाता है कि दलहा पहाड़ में रानी सागर कुंड है जिसका एक सिरा अकलतरा में निकलता ऐसा भी बताया जाता है कि अकलतरा में जब राजतंत्र था उस समय एक सुरंग थी जो रानी कुंड में खत्म होता है । जमीन में खजाना खोजने वाले इस कुंड में चोरी-छिपे खजाने की खोज के लिए आते थे लेकिन अब यहां अघोर आश्रम की देखरेख में होने के कारण यह गतिविधियां खत्म हो गई है । इस मेले में विभिन्न खानें पीने के स्टाल लगे हैं जिसका आनंद बच्चे युवा और प्रौढ़ भी लेते देखे गए वहीं महिलाओं को रिझाने घरेलू सामान से लेकर महिलाओं के सौंदर्य प्रसाधन की चीजें बिकने आयी थी जिसे ग्रामीण महिलाओं ने बड़े चाव से खरीदा ।




