छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में एक सनसनीखेज घोटाला सामने आया है, जिसमें दिवंगत लोक सेवक सुनीता सिंह की मृत्यु के बाद उनकी मूल सेवा पुस्तिका के पन्नों को फाड़कर नए पन्ने लगाए गए और अनधिकृत व्यक्ति को 26,91,310 रुपये का भुगतान किया गया। इतना ही नहीं, अवैधानिक तरीके से पेंशन प्रकरण तैयार कर पेंशन का भुगतान भी किया गया। इस मामले में विकास खंड शिक्षा अधिकारी एस.आर. रत्नाकर को निलंबित किया गया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है।
*मामले का खुलासा*:
दिवंगत लोक सेवक सुनीता सिंह की मृत्यु 10 जुलाई 2021 को हुई थी। उनके दत्तक पुत्र युवराज सिंह चंदेल को सुनीता सिंह ने 23 अगस्त 2019 को FORM D (नॉमिनेशन) और FORM E (फैमिली पेंशन नॉमिनेशन) में नामांकित किया था, जिसे तत्कालीन विकास खंड शिक्षा अधिकारी एस.आर. रत्नाकर ने प्रमाणित किया था। लेकिन सुनीता सिंह की मृत्यु के बाद सेवा पुस्तिका में हेराफेरी कर अनधिकृत व्यक्ति का नाम दर्ज किया गया और स्वत्वों का भुगतान कर दिया गया।
*शिकायत और जांच*:
युवराज सिंह चंदेल ने स्कूल शिक्षा विभाग, लोक शिक्षण संचालनालय में लिखित शिकायत दर्ज की, जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी, जांजगीर-चांपा को जांच के निर्देश दिए गए। 4 दिसंबर 2021 को जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच प्रतिवेदन शासन को भेजा, जिसके आधार पर 10 दिसंबर 2021 को एस.आर. रत्नाकर को निलंबित कर दिया गया।
*कानूनी कार्रवाई*:
युवराज सिंह चंदेल ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, पामगढ़, श्रीमती शीलू केसरी के समक्ष धारा 156(3) द.प्र.सं. के तहत याचिका दायर की। 5 अक्टूबर 2024 को कोर्ट ने एस.आर. रत्नाकर, युवराज सिंह ठाकुर, हेमंत कुमार श्रीवास, और मालिकराम जॉनसन के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी, और 34 भा.द.वि. के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने का आदेश दिया। पामगढ़ थाना ने FIR दर्ज कर विवेचना शुरू की और 14 जुलाई 2025 को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, पामगढ़ के समक्ष चालान पेश किया।
*षड्यंत्र का खुलासा*:
जांच में पता चला कि सुनीता सिंह की मृत्यु के बाद उनकी सेवा पुस्तिका के मूल पन्नों को हटाकर नए पन्ने जोड़े गए, जिससे अनधिकृत व्यक्ति को लाभ पहुंचाया गया। यह एक सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा था, जिसमें विकास खंड शिक्षा अधिकारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई।
*आगे की कार्रवाई*:
मामला अब कोर्ट में है, और निलंबित अधिकारी सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई जारी है। इस घोटाले ने जांजगीर-चांपा जिले में प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय लोग इस मामले में कड़ी कार्रवाई और दोषियों को सजा की मांग कर रहे हैं।




