बिलासपुर । भारतमाला परियोजना में मुआवजा राशि से जुड़े घोटाले के चार आरोपियों को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की एकल पीठ ने हरमीत खनूजा, विजय जैन, उमा तिवारी और केदार तिवारी को नियमित जमानत मंजूर कर दी है। आरोपियों के वकीलों मनोज परांजपे और सरफराज खान ने कोर्ट में दलीलें दीं कि उनके खिलाफ जमानत अस्वीकृत करने का कोई कानूनी आधार नहीं है। जज ने दस्तावेजों और दलीलों की जांच के बाद यह स्पष्ट किया कि जमानत कोई अस्थाई राहत नहीं बल्कि कानूनी अधिकार के तहत दी गई है। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत भूमि अधिग्रहण में मुआवजा वितरण के मामले में भ्रष्टाचार और नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में कथित तौर पर जमीन को छोटे हिस्सों में बांटकर और नकली दस्तावेजों का उपयोग कर करोड़ों रुपये की अनियमितता की गई थी। यह मामला रायपुर–विशाखापत्तनम कॉरिडोर से जुड़ा है, जिसमें मुआवजा राशि गलत लोगों को देने और फर्जी कागजात के माध्यम से पैसा हड़पने का आरोप है। ईओडब्ल्यू इस मामले की जांच जारी रखे हुए है।




