दिल्ली से फरार कारोबारी विजय भाटिया गिरफ्तार, ईओडब्ल्यू की पांच ठिकानों पर दबिश

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रायपुर/दुर्ग। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचती दिखाई दे रही है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) और एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की संयुक्त कार्रवाई में शनिवार सुबह बड़ी सफलता हाथ लगी। फरार चल रहे शराब कारोबारी विजय भाटिया को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके साथ ही ईओडब्ल्यू ने दुर्ग में भाटिया के पांच ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं। जानकारी के मुताबिक विजय भाटिया को पूछताछ के लिए जल्द ही छत्तीसगढ़ लाया जाएगा। भाटिया पर 2019 से 2022 के बीच सरकारी शराब दुकानों के जरिये अवैध रूप से शराब बिक्री का आरोप है, जिससे राज्य को दो हजार करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व का नुकसान हुआ। इस हाई-प्रोफाइल घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पहले से कर रही है, जिसमें अब तक 21 लोगों को आरोपी बनाया जा चुका है। इन आरोपियों में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिल्लन और कई नामी कंपनियों के प्रतिनिधियों के नाम शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि भाटिया वाइन मर्चेंट, छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर और ओम साईं ब्रेवेरेज जैसी कंपनियों की भी इस घोटाले में संलिप्तता सामने आई है। ईडी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में कुछ अधिकारियों और कारोबारियों के गठजोड़ से यह घोटाला सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया। जांच में आबकारी विभाग के तत्कालीन एमडी एपी त्रिपाठी की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है।

बता दें कि 28 दिसंबर 2024 को ईडी ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी कर कई डिजिटल साक्ष्य जुटाए थे। बाद में 15 जनवरी 2025 को लखमा को गिरफ्तार किया गया और वर्तमान में वे रायपुर सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। भाटिया की गिरफ्तारी से इस घोटाले में जांच एजेंसियों को अहम सुराग मिलने की उम्मीद है।

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Author: Hasdeo Times

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